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कोशिका (Cell) Complete Notes in Hindi || NCERT Based Updated Notes

⮊ कोशिका (Cell) Complete Notes in Hindi

Cell Complete Notes in Hindi NCERT Based Updated Notes

⮞ कोशिका की परिभाषा:

कोशिका शरीर की संरचनात्मक तथा क्रियात्मक इकाई होती है। जीव का शरीर एक कोशिकीय (एककोशिकीय) एवं बहुकोशिकीय भी सकता है।

कोशिका की खोज रॉबर्ट हुक (1665) ने की। उन्होंने मृत पादप कोशिकाओं (कॉर्क की कोशिकाओं) का अध्ययन किया और इस पुंज को संरचनाओं का जाल (नेटवर्क) नाम दिया।

नेटवर्क शब्द लैटिन भाषा का शब्द है
, जिसका अर्थ होता है कमरूमुमा संरचना
इसी आधार से ही कोशिकाशब्द ‘Cell’ (कोठरी) का अर्थ प्राप्त करता है। ‘Cell’ शब्द रॉबर्ट हुक ने दिया।
उसके द्वारा जानबूझकर रॉबर्ट हुक को सूक्ष्मदर्शी (Microscope) में मिलती है।

सन् 1674 में ऐण्टनी वॉन ल्यूवेनहॉक ने जीवित कोशिकाओं को देखा अर्थात् जीवित कोशिका देखना।
⮊ उन्होंने कोशिका प्राणिजोया (animalcules) कोशिकाओं को देखा।
⮊ उन्होंने (ल्यूवेनहॉक) ने जीवित कोशिकाओं को एनिमल क्यूलीकहा।
⮊ कोशिका और उसके कार्यों के क्षेत्र में अध्ययन कोशिका विज्ञान (Cell Biology) कहलाता है।
कोशिका विज्ञान को Cytology भी कहते हैं।

⮊ भारत में कोशिका विज्ञान के जनक डॉ. के. एस. राम कहलाते हैं।

⮞ कोशिका सिद्धांत (Cell Theory)

वनस्पति वैज्ञानिक मैथियास जैकब श्लाइडन (1838) और जन्तु वैज्ञानिक थिओडोर श्वान (1839) ने कोशिका सिद्धांत का प्रतिपादन किया।

इनके अनुसार पादप तथा जन्तु दोनों का शरीर कोशिकाओं द्वारा निर्मित होता है तथा बनने वाली कोशिकाएँ भी मिलकर शरीर का निर्माण करती हैं।
रुडोल्फ़ विरचो के अनुसार कोशिकाओं की उत्पत्ति हमेशा पूर्ववर्ती कोशिकाओं से होती है। अर्थात् नई कोशिकाएँ, पुरानी कोशिकाओं के विभाजन से बनती हैं।
विरचो के इस सिद्धांत के बाद कोशिका सिद्धांत की अवधारणा को विकसित किया गया, जिसे आधुनिक कोशिका सिद्धांत कहा जाता है।
यह सिद्धांत श्वान, श्लाइडन और विरचो द्वारा दिया गया।

⮊ इस सिद्धांत के कुछ बिंदु निम्न प्रकार हैं

1.     प्रत्येक जन्तु का शरीर एक अथवा अधिक कोशिकाओं से बना होता है।

2.     कोशिका जीव की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई है।

3.     प्रत्येक कोशिका अपनी पूर्ववर्ती कोशिका के विभाजन पर बनी होती है।

4.     प्रत्येक कोशिका में अनुवांशिक तत्व DNA, RNA पाए जाते हैं।

5.     कोशिका पर झिल्ली (मेम्ब्रेन) उपस्थित होती है।

विरचो कोशिका सिद्धांत की कमियों को पूरा नहीं कर सके, इसे आधुनिक कोशिका सिद्धांत की उत्पत्ति कहते हैं।
अतः कोशिका विज्ञान की स्थापना इन्हीं द्वारा की गई।

⮞ कोशिका के प्रकार

केंद्रक की उपस्थिति और अनुपस्थिति के आधार पर कोशिकाएँ दो प्रकार की होती हैं

⮊ प्रोकैरियोटिक कोशिका (Prokaryotic Cell)

  • प्राचीन + कैरियन (केंद्रक)
  • पहले की कोशिकाएँ पूर्व केंद्रिय कोशिका कहलाती हैं।
  • इन कोशिकाओं को आधुनिक कोशिकाएँ नहीं कहा जाता है।
  • प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में केंद्रक झिल्ली नहीं पाई जाती
  • जीवाणु, नील-हरित शैलक (Cyanobacteria) और माइक्रोप्लाज्मा कोशिकाएँ प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में आते हैं।

⮊ यूकेरियोटिक कोशिका (Eukaryotic Cell)

  • Eu (विकसित) + karyon (केंद्रक)
  • केंद्रक की उपस्थिति वाली कोशिकाओं में केंद्रक पाया जाता है।
  • अनुवांशिक पदार्थ पर केंद्रक झिल्ली उपस्थित होती है।
  • इन कोशिकाओं को ससीम केंद्रकीय कोशिका भी कहते हैं।
  • उच्चतर पादप, जन्तु, कवक, शैवाल आदि में पाई जाती हैं।

3.     ⮊ प्रोकैरियोटिक कोशिका और यूकेरियोटिक कोशिका में अंतर

प्रोकैरियोटिक कोशिका

यूकेरियोटिक कोशिका

1. ये कोशिकाएँ अत्यंत सूक्ष्म होती हैं जिनका व्यास 0.1µm – 5.0µm तक होता है।

इनका आकार बड़ा होता है। ये 5.0µm से 20.0µm आकार की होती हैं।

2. इनमें केंद्रक झिल्ली तथा केंद्रक का अभाव होता है। अनुवांशिक पदार्थ साइटोप्लाज्म में उपस्थित रहता है जिसे न्यूक्लियॉइड कहते हैं।

इन कोशिकाओं में केंद्रक झिल्ली युक्त केंद्रक उपस्थित होता है। अनुवांशिक पदार्थ केंद्रक में पाया जाता है।

3. इनमें कोशिका विभाजन अमियोटिक प्रकार का होता है।

इनमें कोशिका विभाजन माइटोसिस व मीओसिस दोनों होता है।

4. इनमें दोहरी झिल्ली युक्त कोई भी कोशिकांग नहीं पाया जाता।

इनमें अधिकांश कोशिकांग दोहरी झिल्ली युक्त पाए जाते हैं।

5. इनमें 70S प्रकार के राइबोसोम पाए जाते हैं जो 50S + 30S उपइकाइयों से बने होते हैं।

इनमें 80S प्रकार के राइबोसोम होते हैं जो 60S + 40S उपइकाइयों से बने होते हैं।

6. इनमें टायलकोइड उपस्थित व अनुवंशिक होता है।

इनमें क्लोरोप्लास्ट, माइटोकॉन्ड्रिया आदि पाया जाता है जो उच्च पादप व जन्तुओं में उपस्थित होते हैं।

7. इनमें हिस्टोन प्रोटीन नहीं पाया जाता है।

इनमें हिस्टोन प्रोटीन पाया जाता है।

8. इनमें गुणसूत्र नग्न DNA के रूप में पाए जाते हैं।

इनमें गुणसूत्र क्रोमोसोम के रूप में उपस्थित रहते हैं।

9. इनमें फ्लैजेला साधारण रूप में पाया जाता है।

इनमें फ्लैजेला जटिल संरचना वाला पाया जाता है।

इनमें मेसोसोम संरचनाएँ (बीजोसूम) अनुवांशिक तत्व रहती हैं जो ऊर्जा उत्पादन कार्य करते हैं।
इनसे प्रोकैरियोटिक को प्राथमिक कोशिका माना गया है।

10.  इनमें प्लास्टिड (हरित तत्व) का अभाव होता है।

11.  इनमें नीला हरा शैवाल, जीवाणु तथा माइकोप्लाज्मा पादप आते हैं।


⮊ प्रोकैरियोटिक कोशिका की संरचना

(डायग्राम दर्शित)

·        कोशिका भित्ति

·        कोशिका झिल्ली

·        कोशिका द्रव्य

·        राइबोसोम कण

·        न्यूक्लियॉइड

·        अनुवांशिक पदार्थ (DNA)

·        मेसोसोम कण

·        कोशिका सिलिया (Flagella / Pili)


⮊ प्रोकैरियोटिक कोशिका का अध्ययन करने पर निम्न संरचनाएँ दिखाई देती हैं

कोशिका भित्ति

प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं का बाहरी आवरण।
कोशिका भित्ति रासायनिक पदार्थों से बनी होती है।
इसमें तीन परतें पाई जाती हैं।


1. कोशिका भित्ति (Cell Wall)

यह बाहरी आवरण होता है जो कोशिका को सुरक्षा प्रदान करता है।
वनस्पति कोशिकाओं में यह आवरण दिला बनता है।
इसे अनावश्यक पदार्थ कहते हैं क्योंकि जीवाणुओं में यह मजबूत होकर कवच (Capsule) बना लेता है।
इस संरचना में ऊर्जावान पदार्थ ढक्कू रहते हैं।
संरचना जीवाणुओं को सुरक्षा देती है तथा ही असंख्य हानिकारक तत्वों को रोकती है।


2. कोशिका झिल्ली (Cell Membrane)

यह प्रोटीन व वसा (लिपिड) पदार्थों से बनी होती है।
इसकी सहायता से पदार्थों का आवागमन होता है।
झिल्ली जीवाणुओं को सुरक्षा प्रदान करती है।


3. कोशिका द्रव्य (Cytoplasm)

जीवद्रव्य को घेरने वाली झिल्ली को कोशिका झिल्ली कहा जाता है।
यह जीवित द्रव्य पदार्थ की बनी होती है।
कोशिका द्रव्य कोशिका विभाजन करती है।
द्रव्य पोषक पदार्थ तथा ऊर्जा पदार्थ को बाहरी वातावरण हेतु मार्ग प्रदान करती है।
झिल्ली उत्तेजन और संवेदनाएँ देती है।
यह जैविक क्रियाओं के समान महत्वपूर्ण भाग है।
झिल्ली का संश्लेषण केंद्र मेसोसोम संरचना के माध्यम से होता है।


4. जीवद्रव्य (Prokaryotic Cytoplasm)

प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं के साइटोप्लाज़्म (जीव द्रव्य) में 70S प्रकार के राइबोसोम पाए जाते हैं।
ये प्रोटीन निर्माण का कार्य करते हैं।
इनमें राइबोसोम प्रोटीन व एंजाइम का निर्माण होता है।
जीवद्रव्य में अनुवांशिक तत्व पाए जाते हैं।

रूप में कुछ कोशिकाएँ जैसेफाइब्रोस्टिक कोशिकाएँ, गोलाकार कोशिकाएँ, अण्डाकार पित्त कोशिकाएँ आदि पाई जाती हैं।


5. फ्लैजेला (कशाभिका)

जीवाणुओं में गमन (चलने) की संरचना मिलती है।
जिन जीवाणुओं में यह उपस्थित होती है, वे गतिशील (Motile) कहलाते हैं।
जिनमें अनुपस्थित होती है, वे अगतिशील (Non-motile) कहलाते हैं।
उत्तेजनाओं को स्वीकार करने वाली कोशिकाएँ भी फ्लैजेला संरचना द्वारा कार्य करती हैं।
गमन संबंधी कार्य के अलावा यह कोशिकाओं को दिशा निर्धारण में सहायक होता है।
फ्लैजेला की संरचना फ्लैजेलिन प्रोटीन से बनी होती है।


⮊ यूकेरियोटिक कोशिका

यूकेरियोटिक कोशिकाएँ केंद्रक, पादप, जन्तु कोशिका आदि में पाई जाती हैं।
इनमें सभी प्रकार के कोशिकांग जैसे
माइटोकॉन्ड्रिया, कोशिका झिल्ली, कोशिका भित्ति तथा केन्द्रक उपस्थित होते हैं।


पादप कोशिका व जन्तु कोशिका का अंतर

पादप कोशिका

जंतु कोशिका

1. पादप कोशिकाओं पर कोशिका भित्ति उपस्थित होती है।

जंतु कोशिका में अनुपस्थित होती है।

2. पादप कोशिकाओं में बड़ी-बड़ी रिक्तिकाएँ पाई जाती हैं।

जंतुओं में छोटी रिक्तिकाएँ पाई जाती हैं, परंतु प्रोटोजोआ प्राणियों में उपस्थित होती हैं।

3. इनमें हरितलवक (Chloroplast) उपस्थित होकर प्रकाश संश्लेषण में सहायक होता है।

हरितलवक अनुपस्थित, इसी कारण जंतु प्रकाश संश्लेषण नहीं कर सकते।

4. सेंट्रोसोम व सेंट्रिओल पादप में प्रायः अनुपस्थित होते हैं।

सेंट्रोसोम व सेंट्रिओल उपस्थित होते हैं।

पादप कोशिका / Plant Cell  व जंतु कोशिका / Animal Cell

पादप कोशिका

जंतु कोशिका

4. इनमें सेंट्रिओल की अनुपस्थिति होती है क्योंकि विभाजन की क्रियाएँ अन्य तरीकों से संपन्न होती हैं।

इनमें सेंट्रिओल केंद्रक के पास उपस्थित होता है।

5. इनमें लाइसोसोम नहीं पाए जाते, परंतु निम्नकोटि के पादपों में उपस्थित होते हैं।

इनमें लाइसोसोम पाए जाते हैं।

6. इनमें हिस्टोन प्रोटीन नहीं पाया जाता।

हिस्टोन प्रोटीन उपस्थित होता है।

7. पादप कोशिका में क्लोरोप्लास्ट जैव रासायनिक क्रियाओं में सहायक होते हैं।

इन कोशिकाओं में क्लोरोप्लास्ट व क्लोरोफिल दोनों अनुपस्थित होते हैं।

8. पादप कोशिका में कोशिकांगों के विभाजन माध्यम से सामग्री इकट्ठी की जाती है।

जंतु कोशिका में विभाजन मॉडल विधि द्वारा होता है।

9. इनमें भोजन का संचय स्टार्च (मंड) के रूप में होता है।

इन कोशिकाओं में भोजन का संचय ग्लाइकोजन के रूप में होता है।

10. इनमें मस्तिष्कीय (नाभिकीय) अनुवांशिक अंग उपस्थित होते हैं।

इनमें भी अनुवांशिक अंग उपस्थित होते हैं।


⮊ जंतु कोशिका की संरचना

(डायग्राम दर्शित: लेबलिंग नीचे)

·        न्यूक्लियस

·        कोशिका झिल्ली

·        गोल्जी तंत्र

·        लाइसोसोम

·        माइटोकॉन्ड्रिया

·        सेंट्रोसोम

·        राइबोसोम

·        एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (RER/ SER)

·        वेसिकल्स

·        साइटोप्लाज्म

·        वैक्यूल

·        साइटोस्केलेटन

⮊ पादप कोशिका की संरचना

(डायग्राम में लेबलिंग)

·        गोल्जी तंत्र

·        कोशिका भित्ति

·        प्लाज़्मा झिल्ली / कोशिका झिल्ली

·        हरितलवक (Chloroplast)

·        माइटोकॉन्ड्रिया

·        राइबोसोम

·        एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (ER)

·        वैक्यूल

·        न्यूक्लियस / केंद्रक

·        न्यूक्लियोलस

·        गोल्जी वेसिकल

·        साइटोप्लाज़्म

·        केंद्रक द्रव्य

·        केंद्रकीय झिल्ली

·        पेरॉक्सीसोम / लाइसोसोम

·        माइक्रोट्यूब्यूल्स और माइक्रोफिलामेंट्स


⮊ Cell

1. कोशिका झिल्ली

प्लाज्मा झिल्ली

2. जीवद्रव्य

साइटोप्लाज्म
एंडोप्लाज्म
एक्टोप्लाज्म

Living Substance

·        माइटोकॉन्ड्रिया

·        लाइसोसोम

·        राइबोसोम

·        एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (ER)

·        गोल्जी तंत्र

·        प्लास्टिड, वैक्यूल


Non Living Substance

·        लवण (Salts)

·        ग्लूकोज़

·        वसा (Lipids)

·        नाइट्रोजनी पदार्थ


3. केंद्रक (Nucleus)

·        केंद्रक झिल्ली

·        केंद्रक द्रव्य

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