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राजनीतिक जनजागरण एवं विकास में महिलाओं की भूमिका ||

महिला स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान

Role of women in political awakening and development ||

अंजना देवी चौधरी

  • रामनारायण चौधरी की पत्नी। जन्म - श्रीमाधोपुर।
  • बिजौलिया, बूंदी व बेंगू के किसान आन्दोलन में महिलाओं का मार्गदर्शन किया।
  • नमक सत्याग्रह में सजा पाने वाली पहली राजस्थानी महिला।
  • नारेली आश्रम(अजमेर) में हरिजन सेवा कार्या में भाग लिया एवं सर्वाधिक तेज गति से चरखा कातने का कीर्तिमान स्थापित किया।
  • 1924 में बिजौलिया में लगभग 500 स्त्रियों के जत्थे का नेतृत्व कर नाजायज हिरासत में लिए किसानों को छुड़वाया।

जानकी देवी बजाज

  • लक्ष्मणगढ़ में जन्मी और जमनालाल बजाज की पत्नी
  • भूदान (186 कुओं का निर्माण) एवं कूपदान कार्यक्रमों में सक्रियता।
  • विनोबा भावे के सानिध्य में गो सेवा का कार्य एवं गौसेवा संघ की अध्यक्षा बनाई गईं।
  • 1956 में पद्म विभूषण से सम्मानित (प्रथम राजस्थानी महिला जो पद्म विभूषण एवं पद्म श्री दोनों से सम्मानित)।
  • 1933 में कलकत्ता में आयोजित अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की अध्यक्षता की।
  • 1944 में जयपुर प्रजामण्डल के अधिवेशन की अध्यक्षा चुनी गईं।

दुर्गावती देवी शर्मा

  • ताड़केश्वर शर्मा की पत्नी।
  • 1939 में शेखावाटी सत्याग्रहियों का जत्था लेकर जयपुर कूच किया।
  • 4 माह की कैद।

भारती देवी

  • जयपुर प्रजामण्डल के सत्याग्रह में महिलाओं के जत्थे के साथ सक्रिय रहीं।

किशोरी देवी

  • सरदार हरलाल सिंह की पत्नी।
  • जागीर प्रथा के विरूद्ध राष्ट्रीय आन्दोलन में भाग लिया।
  • कटराथल (1934) में विशाल महिला सम्मेलन (10,000 महिलाओं) का नेतृत्व किया।

शकुंतला द्विवेदी

  • मेडता निवासी और बंबई में व्यास के साथ मारवाड़ प्रजा मण्डल के कार्यक्रम में सहयोग।
  • स्वयं सेवक दल का गठन किया।
  • बांसवाड़ा राज्य प्रजा मण्डल की गतिविधियों का संचालन किया।

विजया बहन भावसार

  • स्वयं सेवक दल का गठन किया।
  • अनाज आन्दोलन के दौरान जूलूस का आयोजन किया।

लक्ष्मी देवी आचार्य

  • श्री राम आचार्य की पत्नी।
  • बीकानेर प्रजामण्डल की अध्यक्षा व संस्थापक सदस्या।
  • स्वदेशी आन्दोलन एवं सविनय अवज्ञा आन्दोलन में भाग लिया तथा जेल में उनकी मृत्यु हुई।

खेतु बाई

  • वैध मघाराम की बहन।
  • दूधवा खारा आन्दोलन (चुरू) का महिला नेतृत्व किया।

अल्लाह जिलाई बाई

  • राजस्थान की मरू कोकिला और प्रख्यात माण्ड गायिका।
  • प्रमुख गीत - केसरिया बालम।

सुशीला त्रिपाठी

  • अलवर में लोक जागरण की अग्रदूत लक्ष्मी स्वरूप त्रिपाठी की पत्नी।
  • हिन्दुस्तानी सेवा दल में सहयोग।
  • चाँदनी चौक, दिल्ली में सत्याग्रह किया और इस दौरान जेल में रहीं।

सीता देवी

  • अलवर किसान आन्दोलन में भाग लिया तथा नीमूचणा कांड में शहीद हुईं।

मूसी महारानी

  • अलवर के बख्तावर की पासवान।
  • इनकी छतरी का निर्माण विनयसिंह ने करवाया।
  • इनके पुत्र बलवंत व बख्तावर के दतक पत्र को अंग्रेज अधिकारी नेडकाक ने बराबर बराबर राज्य प्रदान किया।

त्रिवेणी देवी

  • देशराज चौधरी की पत्नी।

सत्यवती

  • इनके नेतृत्व में महिलाओं का जत्था भरतपुर से जयपुर कूच किया।
  • भरतपुर प्रजामण्डल में भाग लिया।

अमृता देवी

  • खेजड़ी आन्दोलन से सम्बन्धित। 1730 में 363 स्त्री-पुरुष शहीद।
  • 1994 में राज्य सरकार द्वारा दिया जाने वाला सबसे बड़ा पर्यावरण पुरस्कार अमृता देवी वि. पुरस्कार घोषित किया गया।

कवियत्री दुर्गा देवी खेर

  • बीकानेर राज्य के बाहर पहली महिला जिन्हें डॉक्टर उपाधि प्रदान की गई।

बाईसा भटियाणी

  • यह चितौड़गढ़ निवासी राज राणा चूंडावत की पुत्री थी।

मीरा बाई

  • कृष्ण भक्ति शाखा की प्रमुख कवियत्री।
  • ये मेड़ता के दूदा की पुत्री थी।

प्रसिद्ध नारी समाज सुधारक

पद्मा चौहान

  • प्रथम शिक्षिका जिनकी नियुक्ति अजमेर म्युनिसिपल कमेटी ने 1887 में की।

दक्षिणा देवी

  • आनन्दीलाल की पत्नी।
  • राज्य में विधवा विवाह को मान्यता दिलाने के लिए उन्होंने महिला सम्मेलन आयोजित किए।

चंद्रकुँवर बाई

  • ब्यावर में महिला सेवा समिति का गठन किया।
  • महिलाओं को शिक्षित बनाने के लिए अनेक प्रयास किए।

वीणा देवी

  • राजस्थान में स्वतंत्रता के बाद प्रथम निर्वाचित महिला विधायक (मकराना से)।

कमला चौधरी

  • राजस्थान में अविभाजित प्रदेश की प्रथम महिला सांसद (1951)।

गोपा खुणा

  • महाराणा राजसिंह की पुत्री एवं गोपाल सिंह भाणु की पत्नी।
  • मेवाड़ में सती प्रथा को समाप्त करवाने का प्रयास किया।

गोपेश्वरी देवी

  • नागौर की प्रसिद्ध महिला एवं स्वतंत्रता सेनानी।

कमला देवी

  • राष्ट्रीय महिला संघ, जयपुर की संस्थापक एवं अध्यक्षा।

रामादेवी

  • राष्ट्रीय महिला संघ की अध्यक्ष रही एवं शिक्षा के प्रचार-प्रसार में भाग लिया।

शारदा देवी

  • सभी प्रकार की परीक्षाओं में सर्वोत्तम स्थान पाने वाली पहली महिला थी।

कृष्णा कुमारी

  • जयपुर की महिला विधायक।

दक्षिणा देवी

  • महिला शिक्षा संघ की अध्यक्ष एवं विधवा विवाह में सुधार की पक्षधर।

रूपकँवर

  • 2 सितम्बर, 1987 में देवराला (सीकर) में सती हुई।
  • इसके बाद सती प्रथा पर रोक लगाने के लिए भारत सरकार द्वारा सती निवारण अधिनियम पारित किया गया।

राजस्थान में महिला आंदोलनों का इतिहास

  • राठौड़ों के शासनकाल में राजस्थान में खेजड़ली (जोधपुर) में अमृता देवी के नेतृत्व में खेजड़ी आंदोलन हुआ।
  • 17 वीं शताब्दी में वृक्षों की रक्षा हेतु खेजड़ी आंदोलन में 363 लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी।

राजस्थान में महिला सशक्तिकरण

  • राजस्थान सरकार द्वारा महिला नीति 1996 बनाई गई।
  • महिला नीति के अनुसार महिला उत्पीड़न निरोधक कानून बनाकर महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु कार्यक्रम चलाए गए।

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